मैनपुरी/ एलाऊ रिपोर्ट मोनू- ब्लॉक जागीर क्षेत्र के कुसमरा मैनपुरी मार्ग स्थित गांव एलाऊ में चल रही श्रीराम कथा के सातवें दिन कथावाचक कृष्णानंद महाराज ने भक्तों को श्रीराम और भरत मिलन का प्रसंग सुनाया। कथा वाचक ने कहा कि महाराज भरत ने चित्रकूट यात्रा के लिए सम्पूर्ण अयोध्यावासियों को तैयार कर लिया। राजतिलक की सामग्री को साथ लेकर गुरुदेव की अनुमति से भरत सभी को साथ लेकर भगवान की खोज में चल पड़ें। इस प्रसंग से यह सीख मिलती है कि जन्म जन्मांतर से भटके हुए जीव को तब तक परम शान्ति नहीं मिल सकती जब तक कि वह भगवान की खोज न करें। मार्ग की अनेक बाधाओं को पार करते हुए श्रीभरत चित्रकूट तक पहुंचे। सच्चे साधक के मार्ग में अनेक बाधाएं आती है किन्तु राम प्रेम के बल पर वह सम्पूर्ण बाधाओं को पार कर लेता है। आगे कहा चित्रकूट में श्रीभरत की श्रीराम प्रेममयी दशा को देखकर वहां के पत्थर भी पिघलने लगे। भगवान ने भरत के आग्रह को स्वीकार करते हुए चित्रकूट की सभा में उन्हीं को निर्णय करने के लिए कहा तो भरत ने भगवान को वापस अयोध्या लौटने के लिए प्रार्थना की तथा स्वयं मित्रता के वचन को मानकर वनवासी जीवन बिताने का संकल्प लिया किन्तु भगवान को यह स्वीकार नहीं था। दोनों भाई एक दूसरे के लिए सम्पत्ति और सुखों का त्याग करने के लिए आतुर थे और विपत्ति को अपनाना चाहते थे। आज तो भाई भाई की सम्पत्ति को हड़पना चाहता है। यदि भाई भाई की विपत्ति को बांटने लगे तो संसार भर के परिवारों की समस्याओं का समाधान हो सकता है। भाई-भाई का प्रेम आज न जाने कहां चला गया। श्रीराम-भरत के प्रेम से प्रत्येक भाई को भाई से प्रेम का संदेश लेना चाहिए। इस मोके पर परीक्षित राजेंद्र चौहान, पप्पू मिश्रा, राजवीर चौहान, प्रताप सिंह, किशनपाल, विनोद बाबा, सर्वेश चौहान, परविन्द राठौर, दुन्नी चौहान आदि सैकड़ो लोग मौजूद थे।
कथावाचक कृष्णानंद महाराज ने भक्तों को श्रीराम और भरत मिलन का प्रसंग सुनाया
Sourceरिपोर्ट अवनीश कुमार