मैनपुरी – सुदिती ग्लोबल एकेडमी, में आज जिला खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को खाद्य सुरक्षा के महत्व से अवगत कराना था। कार्यक्रम में मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री अतुल कुमार पाठक, खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री जयदीप सिंह और श्री विजयेंद्र सिंह ने भाग लिया। पूरे कार्यक्रम का संचालन विद्यालय प्रशासन ने बड़े उत्साह और व्यवस्थित तरीके से किया।कार्यक्रम का आरंभ विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. राम मोहन द्वारा मुख्य अतिथि और अन्य अधिकारियों के स्वागत के साथ हुआ। डॉ. राम मोहन ने कहा, “खाद्य सुरक्षा का विषय आज के दौर में हर व्यक्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमारा उद्देश्य न केवल छात्रों को शैक्षिक ज्ञान प्रदान करना है, बल्कि उन्हें स्वास्थ्य और सुरक्षा जैसे जीवन के अहम पहलुओं से भी जोड़ना है।”इसके बाद छात्रों ने पुष्पगुच्छ और तिलक लगाकर अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक और छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे। प्राचार्य ने अपने संबोधन में अतिथियों के अनुभवों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन से छात्र न केवल खुद को बल्कि अपने परिवार और समाज को भी जागरूक कर सकेंगे।कार्यक्रम की पहली कड़ी में खाद्य सुरक्षा वैन का उपयोग किया गया, जिसमें छात्रों को विशेष रूप से तैयार किए गए वीडियो दिखाए गए। इन वीडियो में खाद्य सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं, जैसे स्वच्छता, भोजन के सही भंडारण और अस्वच्छ खाद्य पदार्थों से होने वाले नुकसान को रोचक तरीके से समझाया गया।छात्रों ने इस प्रक्रिया में गहरी रुचि दिखाई और कई सवाल भी पूछे। अधिकारियों ने हर सवाल का सरल और प्रभावी उत्तर दिया। वैन में प्रदर्शित वीडियो न केवल शिक्षाप्रद थे, बल्कि उन्होंने छात्रों को व्यावहारिक रूप से खाद्य सुरक्षा के महत्व को समझने में भी मदद की।मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री अतुल कुमार पाठक ने अपने प्रभावशाली भाषण में कहा, “स्वास्थ्य जीवन की नींव है और स्वस्थ जीवन का आधार है स्वच्छ भोजन। हमें यह समझना होगा कि हमारे द्वारा खाया गया भोजन हमारे शरीर और मस्तिष्क दोनों पर प्रभाव डालता है। इसलिए, हर व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह स्वच्छ और सुरक्षित भोजन ही ग्रहण करे।”उन्होंने छात्रों को दैनिक जीवन में अपनाए जाने वाले कुछ सरल उपाय बताए, जैसेरूखाना खाने से पहले हाथ धोना, अस्वच्छ स्थानों पर बने खाद्य पदार्थों का सेवन न करना, पैकेज्ड फूड खरीदते समय उसकी एक्सपायरी डेट और गुणवत्ता की जांच करना,घर का बना और ताजा खाना प्राथमिकता देना आदि प्रमुख हैं।श्री पाठक ने यह भी बताया कि खाद्य सुरक्षा केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामुदायिक जिम्मेदारी भी है। उन्होंने छात्रों को इस विषय पर अपने परिवार और पड़ोसियों को भी जागरूक करने की सलाह दी।कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने खाद्य सुरक्षा से जुड़े सवाल पूछे गए, जिनका उत्तर देकर छात्रों ने अपनी जानकारी को साबित किया।छात्रों ने “खाद्य सुरक्षारू चुनौतियां और समाधान” विषय पर अपने विचार भी साझा किए। इन गतिविधियों ने छात्रों को सक्रिय रूप से कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर दिया और उन्हें खाद्य सुरक्षा के बारे में गहराई से सोचने के लिए प्रेरित किया।कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रबंध निदेशक डॉ. लव मोहन ने सभी उपस्थित अधिकारियों, शिक्षकों और छात्रों का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा, “खाद्य सुरक्षा का मुद्दा केवल स्वास्थ्य से संबंधित नहीं है, बल्कि यह एक बेहतर समाज के निर्माण का भी आधार है। इस कार्यक्रम से हमारे छात्रों को बहुत कुछ सीखने को मिला, और हम उम्मीद करते हैं कि वे इसे अपने जीवन में अपनाएंगे।”डॉ. लव मोहन ने यह भी कहा कि विद्यालय भविष्य में भी इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगा ताकि छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य और सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी मिल सके।कार्यक्रम के समापन पर छात्रों ने अधिकारियों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर अपने सवाल पूछे और उनके सुझावों को ध्यानपूर्वक सुना। इस पहल ने छात्रों को खाद्य सुरक्षा के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने का अवसर दिया।इस कार्यक्रम का छात्रों और शिक्षकों पर गहरा प्रभाव पड़ा। सभी ने इस बात पर सहमति जताई कि ऐसे जागरूकता कार्यक्रम न केवल शिक्षाप्रद होते हैं, बल्कि छात्रों को जीवन के व्यावहारिक पहलुओं से जोड़ने का एक बेहतरीन माध्यम भी हैं।