अयोध्या (ब्यूरो मंडल वीरो ब्यूरोगोपीनाथ रावत मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में एक तरफ जहां छुट्टा गोवंश को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है वही प्रशासन द्वारा अमानीगंज विकासखंड के ग्राम पंचायत अकमा में बनाई गई अस्थाई वृहद् गौशाला में हुई चार गोवंश की मौत से प्रशासनिक क्षमता पर सवाल उठ रहा है चारा भूसा का अभाव व बजट की अन उपलब्धता के कारण एक और जहां छुट्टा गोवंशों को भरपूर भोजन नहीं उपलब्ध हो पा रहा है।**वही बड़ी संख्या में गोवंश रात में बाहर भाग जाते हैं जो गोवंश चलने फिरने में कुछ असहाय हैं वो वहीं पड़े रहते हैं मंगलवार को चार गोवंसों के मरने का वीडियो सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्मों पर वायरल हो रहा है बद हाली का आलम यह है कि इस वृहद गौशाला में रखने के लिए तो 500 से अधिक गोवंशों को रखने की क्षमता है लेकिन यहां पर 300 गोवंशों की देखरेख करने वालों और चारा भूसा का नितांत अभाव दिखाई पड़ रहा है मीडिया कर्मियों के द्वारा गौशाला का निरीक्षण करने पर मरे हुए गोवंशों को चील कौवे नोचते हुए दिखाई पड़े।*ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है और दुर्गंध के कारण क्षेत्र में संक्रामक रोगों के बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है।उपचुनाव के चलते किसानों के विरोध को देखते हुए अकमा में वृहद गौशाला का निर्माण कराया गया है। अस्थाई गौशाला में गांव से पकड़ कर छूटटा गोवंसों को लाया गया लेकिन उनके चारे और उनकी दवा इलाज की कोई समुचित व्यवस्था गौशाला में नहीं दिखाई पड़ रही है।**इस संबंध में अमानीगंज के खंड विकास अधिकारी अखिलेश कुमार गुप्ता से जब बात की गई तो उनका कहना था कि वह अवकाश पर है उनका कहना था कि अस्थाई गौशाला के लिए बजट की व्यवस्था कराई जा रही है पशुओं के मरने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पशुओं का मरना स्वाभाविक है और उनके अंतिम संस्कार के लिए व्यवस्था कराई जा रही है जबकि वास्तविकता यह है कि पशु इस स्थल पर पड़े हुए हैं और दुर्गंध क्षेत्र में फैल रही है। प्रशासनिक दावों की पोल खुलने के बाद आनन-फानन में विकासखंड मुख्यालय के* *कर्मचारी अस्थाई गौआश्रय केंद्र पर पहुंचे और मृत पशुओं के अंतिम संस्कार की व्यवस्था में लग गये इस संबंध में जिले के जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है अब देखना होगा कि उत्तर प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में रहने वाला गोवंश आश्रय केंद्र बदहाली का शिकार कैसे बना हुआ है जबकि मिल्कीपुर में उपचुनाव की घोषणा आने वाले दिनों में कभी भी हो सकती है और यह बड़ा मुद्दा बना हुआ है व दूसरी ओर विपक्षी समाजवादी पार्टी लगातार छुट्टा पशुओं को लेकर के आंदोलन और धरना प्रदर्शन कर रही है आपको बताते चलें कि विगत चुनाव में भी छुट्टा पशुओं और निराश्रित गोवंशों के मुद्दे के कारण भारतीय जनता पार्टी को चुनाव में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था चार मंत्रियों के लगाने के बावजूद भी क्षेत्र में छुट्टा गौवंश आश्रय की व्यवस्था न होना और उस पर रख रखाव व चारा भूसा तथा अस्पतालों से संबंधित दवा इलाज न होने के कारण गोवंशों की इस तरह से मौत पर सवालिया निशान उठ रहा हैl