मैनपुरी- विजयदशमी के पावन अवसर पर सुदिती ग्लोबल एकेडमी,मैनपुरी के छात्रों ने एक विशाल रावण का पुतला तैयार किया। हिंदू परंपरा के अनुसार इस दिन रावण के पुतले का दहन किया जाता है, जो सत्य की असत्य पर विजय का प्रतीक है।विजयदशमी के दिन विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. राम मोहन ने छात्रों के साथ मिलकर परंपरा के अनुसार रावण के पुतले का दहन किया। इस अवसर पर उन्होंने सभी को संबोधित करते हुए भगवान राम के गुणों और उनके आदर्शों के बारे में विस्तार से बताया।डॉ. राम मोहन ने कहा, दशहरा हमें भगवान राम के जीवन से सीखने का अवसर देता है, जो धर्म, सत्य और आज्ञाकारिता का प्रतीक हैं। हमें उनके जीवन से यह सीखना चाहिए कि चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों, हमें हमेशा सही का साथ देना चाहिए। भगवान राम ने अपने माता-पिता और गुरुजनों की हर आज्ञा का पालन किया, और हमें भी उनसे यही शिक्षा लेनी चाहिए कि अपने माता-पिता और शिक्षकों की बात मानना कितना आवश्यक है।आपके माता-पिता और शिक्षक आपके उज्ज्वल भविष्य की राह दिखाते हैं, और उनका सम्मान करना तथा उनकी सलाह का पालन करना आपका कर्तव्य है। जीवन में आज्ञा का पालन कमजोरी नहीं बल्कि एक ताकत है, जो आपको सही दिशा में बढ़ने में मदद करती है। छात्र जीवन में, आपका मुख्य लक्ष्य अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना, बड़ों का सम्मान करना और कड़ी मेहनत से अपने लक्ष्य तक पहुंचना होना चाहिए, जैसे भगवान राम ने किया था। यदि आप इन मूल्यों का पालन करेंगे, तो आप न केवल शैक्षणिक क्षेत्र में बल्कि जीवन में भी सफल होंगे।”उन्होंने आगे कहा, रावण एक विद्वान था, लेकिन उसके अहंकार ने उसे पतन की ओर ले गया। इससे हमें यह सीख मिलती है कि विद्या के साथ-साथ विनम्रता भी बहुत जरूरी है।विद्यालय की प्रशासनिक प्रधानाचार्य डा. कुसुम मोहन एवं प्रबंध निदेशक डॉ. लव मोहन के निर्देशन में और शिक्षक डॉ. ओमेश जादौन, दीपक गुप्ता, सुश्री खुशबू, सुश्री अंशिका के मार्गदर्शन में छात्रों द्वारा यह भव्य पुतला तैयार किया। इस विशाल रावण के पुतले को तैयार करने में कई छात्रों ने अपना योगदान दिया। इनमें अब्दाल, अमन, प्रिंस, कृा, जयंत, अनुपम, अक्षित, यशवर्धन, आदित्य, दिनेश, मनोज और भूपेंद्र शामिल थे। सभी छात्रों ने बड़े उत्साह और समर्पण के साथ इस कार्य को पूरा किया। विद्यालय के कर्मचारी नरवेंद्र और रामचंद्र ने भी इस कार्य में सहयोग दिया।विद्यालय परिसर में आयोजित इस समारोह में सभी आवासीय शिक्षक एवं छात्र भी शामिल हुए। सभी ने छात्रों द्वारा तैयार किए गए विशाल रावण पुतले की भूरि-भूरि प्रशंसा की।इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। डॉ. ओमेश जादौन ने कहा, यह प्रयास केवल एक त्योहार मनाने तक सीमित नहीं है। इसका उद्देश्य छात्रों को हमारी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं से जोड़ना है। इस प्रक्रिया में छात्रों ने न केवल टीम वर्क सीखा, बल्कि उन्होंने कला और शिल्प कौशल भी विकसित किया। यह उनके समग्र विकास में सहायक होगा।रावण का यह विशाल पुतला बनाना हमारे लिए एक अद्भुत अनुभव रहा। इससे हमें अपनी संस्कृति के बारे में और अधिक जानने का मौका मिला।इस कार्यक्रम ने न केवल छात्रों को अपनी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ा, बल्कि उन्हें टीम वर्क, कला कौशल और नेतृत्व क्षमता विकसित करने का अवसर भी प्रदान किया। समारोह के अंत में, सभी उपस्थित लोगों ने एक साथ जय श्री राम के जयकारे लगाए और प्रधानाचार्य डा. राम मोहन ने बुराई के प्रतीक रावण के पुतले का दहन किया। विद्यालय प्रबंधन ने इस सफल आयोजन के लिए सभी छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम न केवल हमारी संस्कृति को जीवंत रखते हैं, बल्कि युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़े रखने में भी मदद करते हैं।इस तरह के आयोजन न केवल एक धार्मिक उत्सव के रूप बल्कि यह छात्रों के लिए एक शैक्षणिक और सांस्कृतिक अनुभव भी बनते हैं। यह आयोजन निश्चित रूप से छात्रों के मन में लंबे समय तक याद रहेगा और उन्हें अपनी संस्कृति पर गर्व करने की प्रेरणा देगा।
धूमधाम से मना विजयदशमी का त्यौहार, विजयदशमी पर हुआ विशाल रावण के पुतले का दहन
Sourceरिपोर्ट अवनीश कुमार