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भारतीय संविधान के शिल्पी, भारत रत्न समता, समानता के प्रतीक डॉ भीमराव अंबेडकर के प्रति सदभाव पूर्वक दीप प्रज्ज्वलित कर,उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण एवं पुष्प करके नमन करके हर्षोल्लास पूर्वक मनाई

ब्यूरो रिपोर्ट अयोध्या

अयोध्या जिले का प्रतिष्ठित संस्थान नाका बाईपास निकट चिरंजीव नर्सिंग इन्स्टीट्यूट व भगवान दीन मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी/प्रमुख एम डी डाक्टर उमेश चौधरी व डाक्टर जयंती चौधरी के नेतृत्व में संस्थान परिसर में भारतीय संविधान के शिल्पी, भारत रत्न समता, समानता के प्रतीक डॉ भीमराव अंबेडकर के प्रति सदभाव पूर्वक दीप प्रज्ज्वलित कर,उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित किया गया साथ ही उनके स्टाफ गण में डा० अविनाश साहू, डा०राजेश यादव , डा०अनुराग मिश्रा, डा०शारदानंद वर्मा, डा०विक्रान्त यादव, सहायक गण रवि मणि चौधरी, के०पी०मिश्रा,भरत प्रकाश सागर,अनुज कुमार श्रीवास्तव, विनीत निगम, सहदेव यादव, विजेन्द्र विश्वकर्मा,व महिला स्टाफ शिखा,प्रीती कश्यप, पिंकी,पूजा कुसुम, शिवानी, एकता,अनीता ने बाबा साहब के फोटो पर पुष्प अर्पित किए,उसी कड़ी में संस्थान प्रमुख डाक्टर चौधरी ने बाबा साहब के त्याग एवं समर्पण पर संक्षिप्त रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि,बाबा साहब अम्बेडकर आज हम लोगों के बीच नहीं हैं, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी ने भारत व हम देशवासियों को विश्व का सर्वोत्तम संविधान दिया है , तथा सभी देशवासियों को समता समानता के साथ जीने का अधिकार दिया है, पूरा भारत देश डॉ भीमराव अंबेडकर जी का ऋणी है। परन्तु उनके त्याग एवं समर्पण व योगदान को लेकर पूरा देश चर्चा करने के साथ साथ उन्हें याद कर करते हुए उन्हें नमन कर रहा है, बाबा साहब ने अपने जीवन में आडम्बर एवं पाखण्ड को दूर करने का प्रयास किया, बाबा साहब ने कहा था कि जीवन के सफलता की कुंजी सिर्फ शिक्षा है, जिसके बल पर सभी दरवाजे खोले जा सकते हैं, देश में सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए तीन मूल मंत्र भी दिया था,वह मूल मंत्र इस प्रकार है, शिक्षित बनो, संघर्ष करो, संगठित बनों, ठीक उसी प्रकार उन्होंने भारतीय संविधान में महिलाओं को सशक्त बनाने व दलित पिछड़ो व महिलाओं को सम्मान पूर्वक जीवन जीने व सभी वर्गों को समानता का अधिकार दिया, उनके जैसा संघर्षशील कठिनाई भरा जीवन कोई नहीं जी सकता व तथा उनकी बराबरी भी नहीं की सकता, बराबरी की बात करने मात्र से सिर्फ यही कहा जा सकता है कि सूरज को दीपक दिखाने जैसा होगा,गौष्ठी के बाबा साहेब के जीवन दर्शन का कार्य क्रम का समापन हुआ, उक्त मौके पर संस्थान अन्य कर्मी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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