
मैनपुरी- सुदिती ग्लोबल एकेडमी, मैनपुरी में स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय युवा दिवस का भव्य आयोजन किया। यह कार्यक्रम युवाओं को स्वामी विवेकानंद के आदर्शों से प्रेरित करने और उन्हें आत्मनिर्भरता, जागरूकता और राष्ट्रीय गौरव के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत स्वामी विवेकानंद की तस्वीर पर माल्यार्पण और प्रार्थना के साथ हुई। विद्यालय के वरिष्ठ प्रधानाचार्य डॉ. राम मोहन, प्रशासनिक प्रधानाचार्य डॉ. कुसुम मोहन, प्रबंध निदेशक डॉ. लव मोहन और आर एस एस के नगर प्रमुख श्री जगदीश जी ने स्वामी विवेकानंद के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।
परीक्षा पे चर्चा 2025 अभियान के तहत खेलकूद गतिविधियां और एक मैराथन का आयोजन किया गया। इन गतिविधियों का उद्देश्य छात्रों में आत्मबल, टीमवर्क और शारीरिक फिटनेस को प्रोत्साहित करना था। छात्रों ने पूरे जोश और उत्साह के साथ भाग लिया।
वरिष्ठ प्रधानाचार्य डॉ. राम मोहन ने स्वामी विवेकानन्द जी के विषय में विद्यार्थियों को बताया कि “स्वामी विवेकानंद का जीवन आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय का प्रतीक है। उन्होंने कहा था, ‘जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते, तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते।’ उनका यह संदेश आज के युवाओं के लिए अत्यंत प्रासंगिक है। युवा अपनी ऊर्जा और बुद्धिमत्ता का उपयोग आत्मनिर्भर बनने और समाज को सशक्त बनाने के लिए करें। आइए, उनके आदर्शों को अपनाकर एकता, शक्ति और दृढ़ता का संकल्प लें।”
प्रशासनिक प्रधानाचार्य डॉ. कुसुम मोहन ने विद्यार्थियों को विवेकान्द जी के बारे में बताते हुए कहा कि “स्वामी विवेकानंद के अनुसार, शिक्षा केवल जानकारी प्राप्त करना नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण और हमारे भीतर की पूर्णता को प्रकट करना है। उन्होंने कहा था, ‘एक विचार लो, उसे अपनी ज़िंदगी बना लोकृउसी के बारे में सोचो, सपने देखो, उसी पर जियो।’ आप सभी युवा इस विचार को अपनाकर अपने और देश के उज्जवल भविष्य का निर्माण करें।”
प्रबन्ध निदेशक डॉ. लव मोहन ने कहा कि “स्वामी विवेकानंद ने हमें ‘उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए’ का मंत्र दिया। यह सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि व्यक्तिगत और राष्ट्रीय विकास का आधार है। उन्होंने युवाओं को सिखाया कि किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए आत्मविश्वास और अनुशासन सबसे ज़रूरी हैं। आज के इस शुभ अवसर पर, मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि उनके आदर्शों का पालन करें और उत्कृष्टता की ओर अग्रसर रहें।”
कार्यक्रम में स्वामी विवेकानंद के जीवन के प्रसंगों पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और उनके शिकागो भाषण पर एक लघु फिल्म भी शामिल थी। मैराथन में छात्रों ने “उठो, जागो, और लक्ष्य प्राप्त होने तक रुको मत” जैसे प्रेरणादायक नारों के साथ हिस्सा लिया।
कार्यक्रम का समापन स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को आत्मसात करने और उनके मार्ग पर चलने की प्रतिज्ञा के साथ हुआ।